Sapna M Goel
Romance
माना बेशकीमती है वक्त तुम्हारा
पर क्या करें पसंद है हमें भी
तोहफ़े ये महंगे वाले......
यादों की सफाई
छल का प्याला
छत वो बचपन वा...
आत्मिक यात्रा
तोहफा
अ...संभव
स्वाभिमान
मुखौटा गंभीरत...
अब चलो थोड़ा ज़िद्दी हो जाते हैं खुद से थोड़ा प्यार जताते हैं। अब चलो थोड़ा ज़िद्दी हो जाते हैं खुद से थोड़ा प्यार जताते हैं।
क़यामत से नहीं तेरे जलवों के मारे हैं हम क़यामत के नहीं। क़यामत से नहीं तेरे जलवों के मारे हैं हम क़यामत के नहीं।
आज तुम्हारे जन्म दिवस पर शत पुष्पोहार लेकर मैं शुभाभिवंदन करके तुमको गले लगाकर बिसरूँग आज तुम्हारे जन्म दिवस पर शत पुष्पोहार लेकर मैं शुभाभिवंदन करके तुमको गले लगाक...
रात भर जलती रही आशा की बाती। तुमतो आये ही नहीं बुझे मन के दिए। रात भर जलती रही आशा की बाती। तुमतो आये ही नहीं बुझे मन के दिए।
इस जीवन के बाद सही पर हम होंगे तब आबाद। इस जीवन के बाद सही पर हम होंगे तब आबाद।
उसे पाने की चाह में अगला जन्म लेने की सोचता होगा। उसे पाने की चाह में अगला जन्म लेने की सोचता होगा।
परवाह न करना जालीम जमाने का लाकर मुझको घर में रखना। परवाह न करना जालीम जमाने का लाकर मुझको घर में रखना।
कब मिलोगी ज़ानेमन तुम, मै बाट देखता हूं तुम्हारी। कब मिलोगी ज़ानेमन तुम, मै बाट देखता हूं तुम्हारी।
मगर बहुत से प्रेमी ऐसा करते, तभी जीवन भर पछताते अपार। मगर बहुत से प्रेमी ऐसा करते, तभी जीवन भर पछताते अपार।
नहीं पूछूँगी क्यों कदम रुक गये तुम्हारे मुझ तक आकर...?? नहीं पूछूँगी क्यों कदम रुक गये तुम्हारे मुझ तक आकर...??
मेरे अश्रु, मेरा मौन, मेरी स्थिरता, मेरे जज़्बात छलावा नहीं हैं वो प्रेम हैं। मेरे अश्रु, मेरा मौन, मेरी स्थिरता, मेरे जज़्बात छलावा नहीं हैं वो प्र...
फिर मुझे वह उड़ाकर घर छोड़ गई, और खुद उड़ते स्वर्ग लोक को चली गई। फिर मुझे वह उड़ाकर घर छोड़ गई, और खुद उड़ते स्वर्ग लोक को चली गई।
जन्म दिन पर उनके हृदय से निकली भावों की अभिव्यक्तियों ने अंगड़ाई।। जन्म दिन पर उनके हृदय से निकली भावों की अभिव्यक्तियों ने अंगड़ाई।।
कोई बिछाए रहता है राहों में पलकें कोई अपनी नज़र को समेटे जाते हैं। कोई बिछाए रहता है राहों में पलकें कोई अपनी नज़र को समेटे जाते हैं।
खुद का सहारा तुम्हें खुद ही बनना पड़ेगा। खुद का सहारा तुम्हें खुद ही बनना पड़ेगा।
सगीर हट नहीं सकता मैं जिम्मेदारी से। तमाम बोझ भी सर पर है क्या किया जाए। सगीर हट नहीं सकता मैं जिम्मेदारी से। तमाम बोझ भी सर पर है क्या किया जाए।
ख़्वाहिशों की ये कहानी भी "कमल" कहती है, मेरी बाहों में सिमट के तू समाई होती। ख़्वाहिशों की ये कहानी भी "कमल" कहती है, मेरी बाहों में सिमट के तू समाई होती।
ज़ब से तू आईं है मेरी जान मेरी रानी मेरे जीवन मे तब से ब़हार छाई है। ज़ब से तू आईं है मेरी जान मेरी रानी मेरे जीवन मे तब से ब़हार छाई है।
आज जो कहा तुमने,तो कहता हूँ मैं भी, मीत, प्रीत की ये डोर अब बाँध भी लो यहीं। आज जो कहा तुमने,तो कहता हूँ मैं भी, मीत, प्रीत की ये डोर अब बाँध भी लो यहीं।
मैं ज़िद में कूद पड़ा अब पछता रहा तुम यही रहो मैं जा रहा। मैं ज़िद में कूद पड़ा अब पछता रहा तुम यही रहो मैं जा रहा।