तमन्ना
तमन्ना
आज फिर तमन्ना है दिल की
यह पल न बीते आजीवन
बाहों में तेरी बाहें मेरी
बस धड़कनों का हो गुंजन
क्या रखा इस संसार में
जो सुकून के पल ना दे
ना दौडू वक्त के साथ तो
उम्मीदों भरा कल ना दे
थम जाने दो चाहे सांसे
यह पल ना छीनो मुझसे
यूं ही समा जाने दो
दो जिस्म बनी एक सांसे ।

