STORYMIRROR

meera uttarwar

Inspirational

3  

meera uttarwar

Inspirational

तलवार _ स्वच्छंद काव्य

तलवार _ स्वच्छंद काव्य

1 min
331

आसान नहीं था यह सफर स्त्री से शक्ति बनने का

पथरैली  थीं डगर समाज   की कड़ी नजर 

संघर्ष के तेरे सीमा नहीं ।सहने का तेरे अंत नहीं

कब तक दबी रहेगी ज्वाला ताकत का भव्य उजाला

चमक उठा है रोशनी से तेरी आज जग सारा  

 नारी तू है  शालीनता के म्यान में  सजी झांसी की तलवार

अब कर हर अन्याय पर पलट कर वार।        


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational