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swati Balurkar " sakhi "

Tragedy

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swati Balurkar " sakhi "

Tragedy

तलाश

तलाश

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वो फुरसत के सुहाने पल

दिल आज भी ढूँढता रहता है !

तलाश है कुछ. .

कुछ खोया खोया सा है!

गुम हो गया है

तुम्हारा खयाल दिल से

आजकल!

व्यस्तता  

उभरने नही देती उसे!

तनाव और समय

पनपने नही देते हैं

तुम्हारे प्यार को!

गुम हो जाता है

खुश रहने का ख्याल भी

आजकल

चिंताएँ ,

प्रेम से भी 

महत्त्वपूर्ण हो गईं हैं

व्यस्त ज़िंदगी में भी

खालीपन का अवसाद सा है

कुछ तलाश तो है!



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