swati Balurkar " sakhi "
Drama
किस्मत की मारी
कठपुतलियाँ सारी !
बहलायी फुसलायी जाती
प्यार की लालच में,
कभी मजबूरी की मारी,
कठपुतलियाँ नाच नाचती !
लगता बेबस उनका जीवन,
जीना जैसे बेरंग सा उपवन !
न जीना बस में न मरना,
हे विधाता किसी को यूँ
कठपुतली सा लाचार न करना !
पहेली
मैं . . स्त्र...
आत्मा का ऋण
पत्थर तोडता व...
खोयी -सी मैं!
नारी
तलाश
गुलाब का फू...
किस्मत
परिणय
दुनिया है राहते और आहटें दोनों ही बाज़ार के भाव से दुनिया है राहते और आहटें दोनों ही बाज़ार के भाव से
यह ख्वाहिश करते हैं इश्क़ का प्याला थामे हुए यह ख्वाहिश करते हैं इश्क़ का प्याला थामे हुए
इश्क़ आसान रोग नहीं जो सबको लग जाये ! इश्क़ आसान रोग नहीं जो सबको लग जाये !
तेरे प्यार की लहरो में गुम हो गई अपने आपको मैं खो आई तेरे प्यार की लहरो में गुम हो गई अपने आपको मैं खो आई
कहते कहते रुक कर वह पूरा सवाल दाग देता है.... तुम्हे अधिकार चाहिए क्यों? कहते कहते रुक कर वह पूरा सवाल दाग देता है.... तुम्हे अधिकार चाहिए क्यों?
कुछ नहीं है प्यार- व्यार बस सब मोह- माया हैं। कुछ नहीं है प्यार- व्यार बस सब मोह- माया हैं।
कुछ इस कदर खो गए जुड़ के तेरे नाम से कुछ इस कदर खो गए जुड़ के तेरे नाम से
जिंदगी हरपल नया सबक सिखा जाती है हालात दिखा नये नये रंग दे जाती है। जिंदगी हरपल नया सबक सिखा जाती है हालात दिखा नये नये रंग दे जाती है।
रंगे जा रहे हैं राधा भर भर पिचकारी रंग। रंगे जा रहे हैं राधा भर भर पिचकारी रंग।
बिन तेरे इस दुनिया का कोई अस्तित्व नहीं बिन तेरे इस दुनिया का कोई अस्तित्व नहीं
निकल आते हैं पर तो शजर को छोड़ देते हैं। निकल आते हैं पर तो शजर को छोड़ देते हैं।
अब क्या कहूं इस जमाने से? इसने मेरा मज़ाक बनाकर रखा है अब क्या कहूं इस जमाने से? इसने मेरा मज़ाक बनाकर रखा है
कितना हसीन था मेरा बचपना। मुझे बुरा लगा तेरा बीत जाना। कितना हसीन था मेरा बचपना। मुझे बुरा लगा तेरा बीत जाना।
ठीक वैसे ही यह दिल किसी की याद में नम सा हो रहा है.. ठीक वैसे ही यह दिल किसी की याद में नम सा हो रहा है..
रास्ते कुछ इस तरह से चल रहे थे कि मैं रोक नहीं पाया। रास्ते कुछ इस तरह से चल रहे थे कि मैं रोक नहीं पाया।
एक बार जो रास आ गया दिल को फिर और किसी से दिल कहाँ दोबारा लगता है एक बार जो रास आ गया दिल को फिर और किसी से दिल कहाँ दोबारा लगता है
विरहा या मिलन सुना दे। विरहा या मिलन सुना दे।
ना ज़िंदा होने का गुरूर करना और ना ही मौत से खेलना। ना ज़िंदा होने का गुरूर करना और ना ही मौत से खेलना।
सिर्फ यादों को तराशने वाला यह दिल भी पानी की लहर की तरह है। सिर्फ यादों को तराशने वाला यह दिल भी पानी की लहर की तरह है।
पराया धन पराई अमानत कही जाती है बेटियां कुल का दीपक वंश का चिराग बेटे हैं कहलाते पराया धन पराई अमानत कही जाती है बेटियां कुल का दीपक वंश का चिराग बेटे हैं कहल...