swati Balurkar " sakhi "
Drama
किस्मत की मारी
कठपुतलियाँ सारी !
बहलायी फुसलायी जाती
प्यार की लालच में,
कभी मजबूरी की मारी,
कठपुतलियाँ नाच नाचती !
लगता बेबस उनका जीवन,
जीना जैसे बेरंग सा उपवन !
न जीना बस में न मरना,
हे विधाता किसी को यूँ
कठपुतली सा लाचार न करना !
पहेली
मैं . . स्त्र...
आत्मा का ऋण
पत्थर तोडता व...
खोयी -सी मैं!
नारी
तलाश
गुलाब का फू...
किस्मत
परिणय
काम करवाया पर पूछा नहीं क्या वो स्वस्थ है ? काम करवाया पर पूछा नहीं क्या वो स्वस्थ है ?
सच्ची मुस्कुराहट ने,उन लबों को ही छुआ जिसने कभी न किसी को बुरा,भला कहा। सच्ची मुस्कुराहट ने,उन लबों को ही छुआ जिसने कभी न किसी को बुरा,भला कहा।
अथक परिश्रम से,तुम आसमां के तारे गिन जाओ। अथक परिश्रम से,तुम आसमां के तारे गिन जाओ।
आज एक बार फिर उजाले को डूबकर अँधेरे में समाना है। आज एक बार फिर उजाले को डूबकर अँधेरे में समाना है।
कमज़ोर नहीं है, भावना जान लो। दिल हीरा है यह, अनमोल इसे मान लो। कमज़ोर नहीं है, भावना जान लो। दिल हीरा है यह, अनमोल इसे मान लो।
जिसे नहीं मिला उसे चाहिए क्या कभी तृष्णा पूरी होती। जिसे नहीं मिला उसे चाहिए क्या कभी तृष्णा पूरी होती।
अपनी ओर खींचती हुयी ख़ुशबू है...जो फ़िज़ा को महका देती है... अपनी ओर खींचती हुयी ख़ुशबू है...जो फ़िज़ा को महका देती है...
प्राणिमात्र के प्रति हृदय में करुणा के भाव, तो तुम रामभक्त हो । प्राणिमात्र के प्रति हृदय में करुणा के भाव, तो तुम रामभक्त हो ।
जीवन को नयी दिशा दिखला कर मार्गदर्शक के रूप में सदा के लिए उसका अभिन्न अंग बन गया। जीवन को नयी दिशा दिखला कर मार्गदर्शक के रूप में सदा के लिए उसका अभिन्न अंग बन गय...
बच्चे ट्रैफिक सिग्नल पर खिलौने बेचते हुए दिखते है. बच्चे ट्रैफिक सिग्नल पर खिलौने बेचते हुए दिखते है.
मैं बंधी जिम्मेदारियों से पर मेरा ख़्वाब मुझे मुसकुराहट दे जाता है। मैं बंधी जिम्मेदारियों से पर मेरा ख़्वाब मुझे मुसकुराहट दे जाता है।
ज़रा रुककर दो बातें ही कर लेते तुम ना, बस याद आते हो यार, ज़रा रुककर दो बातें ही कर लेते तुम ना, बस याद आते हो यार,
जी भर के हंसे और आँखों से नमक बहने लगे । जी भर के हंसे और आँखों से नमक बहने लगे ।
जीवन के सफर में आगे बढ़ता, संघर्ष ही है जीवन संजीवनी।” जीवन के सफर में आगे बढ़ता, संघर्ष ही है जीवन संजीवनी।”
आदेश कोई अगर ऐसा होता। फफक कर के दुश्मन सरहद पे रोता। आदेश कोई अगर ऐसा होता। फफक कर के दुश्मन सरहद पे रोता।
प्यार की गर्माहट से, तन्हाइयों से निकल आते हैं। प्यार की गर्माहट से, तन्हाइयों से निकल आते हैं।
यहाँ मुखौटों के पीछे लोगों का असली चेहरा छुपा होता है, यहाँ मुखौटों के पीछे लोगों का असली चेहरा छुपा होता है,
वो भी ना रहा मैं भी समंदर के संग बह गया। वो भी ना रहा मैं भी समंदर के संग बह गया।
चल के मेरी धड़कने तुझको ढूंढे, तू यहाँ है के वहाँ। चल के मेरी धड़कने तुझको ढूंढे, तू यहाँ है के वहाँ।
अंतिम तुझ पर लगी है मेरी आश जय सिया राम जय जय सिया राम........... अंतिम तुझ पर लगी है मेरी आश जय सिया राम जय जय सिया राम...........