तितली
तितली
मधु भर गए हर फूलों में
मधु गीत बहाते बहाते
मधु खोजते उड़ते चलते
मधु रानी बताओगी क्या ?
तरह जाति के फूलों में
पंख हिलाते रंग तरह के
सुंदर सुंदर नाच नचाते
वतन कहाँ है तितली बहन ?
कंदोरा नहीं है कमर में
नुपुर क्या कंकण भी नहीं
फिर भी तितली तेरी नचनी
मेला है दर्शक दल को॥
