तीखी लगी
तीखी लगी
दुनिया को मेरी ये बात यूं नागवार हो चली
जब मैं आंखें मिलाकर सीधी बात कह गयी,
मैंने घूंघट जो उठाया चले तानों के सिलसिले
कब तक रहती मैं चुप अपने होंठों को सिले,
तुम करते रहो बकवास फिजूल आडम्बरों की
मैंने तो तोड़ दी हैं बेड़ियां अपनी गुलामी की।
