थोड़े से तुम
थोड़े से तुम
मैंने मांगा ही था
"थोड़े से तुम"
कैसे मिलते पूरे
मगर मिले
बेहद, बेइंतहा,
बेहिसाब, बेशुमार
वो तो ताब नहीं थी
मुझमें
संभाला नहीं गया मुझसे
तुम्हारा प्यार, बेशुमार
इसलिए
बस रह गए "थोड़े से तुम "
बस थोड़े से तुम
थोड़े से तुम ....
मेरे विशाल, विस्तृत वजूद पर छाए हुए
थोड़े से तुम।