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Sushma Tiwari

Abstract Others

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Sushma Tiwari

Abstract Others

थोड़ा सा इंतजार

थोड़ा सा इंतजार

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बस अब बहुत हो गया

सहन नहीं होता

कब तक करूँ इंतज़ार

क्या कोई राम लेगा अवतार..


सोचती हूं शायद

नहीं आएँगे राम

होता ये रावण तो

होता उनका कुछ काम

ये तो महिषासुर है

यूँ इसका कुछ नहीं होगा

हाँ मुझे ही दुर्गा बनना होगा

क्यूँ ना कर दूँ आज ही

इसका काम तमाम

कब तक करूँ इंतज़ार

क्या कोई राम लेगा अवतार..


फ़िर सोचा हे भगवान

इतनी हिंसा मेरी सोच मरीं

क्या सचमुच मैं भी

बन गई हूं शैतान

गांधी के इस देश में

सहना है हर परिवेश में

आँख के बदले आँख नहीं माँगना

अंधे हो जाओ और भीख माँगना

हाँ करना होगा थोड़ा इंतज़ार

चीर हरण होने दो

एक ना एक दिन

कृष्ण लेंगे अवतार

दिल तू तब तक कर इंतज़ार

नहीं ले सकता तू दुर्गा अवतार 

आएँगे राम होगा रावण का संहार

बस थोड़ा और इंतज़ार 



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