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Kawaljeet GILL

Tragedy

3  

Kawaljeet GILL

Tragedy

थक से गये हैं

थक से गये हैं

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हाथों की लकीरों से लड़ते लड़ते थक से गये हैं

इनमें तेरा नाम तलाशते तलाशते थक से गये हैं।


ज़ख्मी भी किया इनको की बदल जाएगी लकीरें

पर ज़ख्मों को नासूर बनाते बनाते थक से गये हैं।


खामोश है ऊपर वाला उसकी खामोशी से थक से गये हैं

जवाब अपने सवालों का ढूंढते ढूंढते थक से गये हैं।


जिंदगी के सफर में अपनी तन्हाई से हम थक से गये हैं

इन्तजार तेरा करते करते अब हम थक से गये हैं।


ये लकीरें बदलेगी कि नहीं पता नहीं पर हम थक से गये हैं

तेरे वादों पर यकीन करते करते अब हम थक से गये हैं।


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