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Brijlala Rohan

Romance Classics Inspirational

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Brijlala Rohan

Romance Classics Inspirational

थाम लिया उसका हाथ

थाम लिया उसका हाथ

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उसका हाथ, उसका हाथ थाम लिया मैंने             

उसके हाथ को अपने हाथ में

थामते हुए मैंने पाया      

एक नई जिम्मेदारयों का आभास !      

          

फिर मन में कौंधा कि लोग हाथ तो बड़ी

उग्रता से पकड़ लेते हैं ! लेकिन जब हाथ

थामने की बारी आती है तो वे उतनी ही

शिथिलता से हाथ खड़े कर लेते हैं !           


लेकिन मैंने अंतरात्मा की आवाज सुनी !

अब थाम ही लिया उसका हाथ तो हरदम

थामें ही रहूंगा उसका हाथ !  


तब तक थामे रहूंगा उसका हाथ 

जब तक रहेगी मेरी हलक में जान

और जीने का भान ! आखिर मैंने थामा है

उसका हाथ तो निभायेंगे भी

अंतिम समय तक साथ !

छोड़ेगे कभी न उसके हाथ ! 


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