तेरी यादों में खोया यह मन
तेरी यादों में खोया यह मन
जीवन की छोटी-छोटी बातों में,
कुछ खट्टे-मीठे यादों के पल हमने बिताये थे,
तेरी उन यादों में मन खोया रहना चाहता है आज
..कभी- कभी तो हौले से
यादों का एक कारवां नज़र आने लगता है..
तो कभी ढेर सारी खुशियां का अहसास दिलाता है,
उन यादों में मन खोया रहना चाहता है।
मानो बेताब दिल को क़रार आ गया,
फिर से गुलशन में आज बहार आ गई।
एक मुद्दत के बाद तुम्हें देख कर यूँ लगा
फिर आरज़ूओं के गुल मुस्कुराने लगा!
तेरी यादों में मन खोया रहना चाहता है।
आहिस्ता आहिस्ता चांदनी ढलती रही
दिल की हसरतों में "खुमार" आ गया!
'शम्मा' बुझने लगी, मन में उमंगे जगने लगी
'ज़िन्दगी' पे ग़ज़ब सा निखार आ गया।
तेरी यादों में मन खोया है, जैसे फिज़ाओं में खुमार छा गया।