नारी एक काम अनेक
नारी एक काम अनेक
जिसे घर की हर चीज का पता होता है।
घर के सामान से लेकर सब की भावनाओं तक।
वो केवल नारी होती है जनाब।
अपने मन में छिपे ख्वाबों के रंग,
वो कभी सजा नही पाती है।
सबके ख्वाबों में इंद्रधनुष के रंग भरते जाती है।
ऐसा केवल एक नारी ही कर पाती है जनाब।
अपनों के सपनों को उड़ान देती है।
खुद के सपनों को दबा देती है।
आंखें देखकर दिल का हाल बता देती है।
ऐसा केवल एक नारी ही कर पाती है जनाब।
दूसरो को खुश करने के लिए
अपनी हर खुशी लुटा देती है।
नारी एक हाउस वाइफ भी है,
वर्किंग वुमन भी वो होती है।
आदमियों के बस की बात नहीं ये।
ऐसा तो केवल नारी ही कर पाती है जनाब।