पल में बदलती है जिंदगी
पल में बदलती है जिंदगी
वक्त का पहिया ऐसे घूमता है,
कभी न कर घमंड बंदे ,
कब भाग्य मार दे डंक ।
कोई नहीं जानता कब क्या,
दिखा दे यह जिंदगी,
कब राजा-कब रंक बना दे जिंदगी।
कब पलट जाए यह जिंदगी,
सुख-दुख का सार है जिंदगी।
बदल दे कर्मों का लेखा-जोखा है जिंदगी।
तकदीर और समय पर नहीं ,
तू अपने पर कर पूरा भरोसा ,
सत्कर्म - नेतिकता को अपना लो,
राग-द्वेष को मिटा दो,
राजा हो या रंक कभी भी ,
गुमान न कर तू अपने ऊपर ,
सब माया है , यहीं रह जाना है ,
बस तेरा किया ही तेरे साथ जाना है.