बचपन की वो यादें
बचपन की वो यादें
कितना प्यारा था वो बचपन,
कितने प्यारे थे वो दिन।
खेल खिलौने अपने आँगन,
याद आते हैं वे सुहाने दिन।
वह जमाना भी था कितना सुहाना,
गेंद खेलना पतंग उड़ाना।
कट जाने पर लूटने भागना,
बहुत याद आता है वो बचपन का जमाना ।
थैली में किताबों को करीने से जमाना,
ना पढ़ने के लिए कई बहाने बनाना।
किताबों के पन्नों से नाव बनाना,
कक्षा में हवाई जहाज उड़ाना।
बहुत याद आता है वो बचपन का जमाना।
भाई बहनों के संग हुड़दंग मचाना ,
वह जिद करना,
अपनी बात मनवाना ,
झूठे आँसू बहाना ,
फिर डरकर पिता से माँ के आँचल में छुप जाना,
बहुत याद आता है वो बचपन का जमाना।