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Anurag Sah

Romance

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Anurag Sah

Romance

तुझे याद करूं..

तुझे याद करूं..

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तू दूर है मुझसे, क्या करूं?

तुझे याद करूं? या दुआ करूं?


तुझको बाहों में भरके मैं,

दिन रात यूं ही देखा करूं,

तू दूर है मुझसे, क्या करूं?

तुझे याद करूं? या दुआ करूं?


तुझको सपनो में जो देखता हुं,

तेरी याद सुबह में आती है,

तु दूर नहीं है, मुझसे तो

ये दिल क्यूं दूरी बताती है?

दिल की बातों को सुनके अब,

हर रोज ही खुद से, मैं लड़ूं...

तु दूर है मुझसे, क्या करूं?

तुझे याद करूं? या दुआ करूं?.....।


तु पास मेरे अब आ जा ना

तुझे याद बहौत मैं करता हूँ

तेरी बातों को मैं लिख -लिख के,

हर रोज मैं हर -पल पढ़ता हूँ

एक बार मैं तेरे हाथों को

अपने सीने के पास धरूं,

तु दूर है मुझसे क्या करूं?

तुझे याद करूं? या दुआ करूं?


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