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Dr. Akansha Rupa chachra

Romance

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Dr. Akansha Rupa chachra

Romance

वक्त

वक्त

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मुस्कुरा कर, रूला दिया वक्त ने मुझे समझा दिया।

भीड़ में अकेले है। अकेले में तुम हो वक्त ने मुझे हरा दिया।

न जाने किस मोड़ पर लम्हा गुजर गया।

मै सुकून की तलाश मे ताउम्र भटकती रही।


अपनो ने अपनेपन का अनोखा राज समझा दिया।

पैसे की खातिर रंग बदलते लोगो की फितरत पर

आजमाइशों का ताज पहना दिया।

खुशियों की तलाश में घर छूटा।


मेहनत के सफर मे तन को कमजोर बना दिया।

सब लुटा कर होश आया तो तन्हाई का 

जामा ओढा दिया।

अकेले दर्द सहना ही मुमकिन था।

दोस्तों ने एक बार गले लगाकर रंजो गम भुला कर

दिल को बच्चा बना दिया।


तरसते रहे तेरे प्यार भरे बोल को

तूने क्यो हमे अकेलेपन का अहसास करा दिया।

सुख से वक्त ही माँगते रहे।

वो मिला कुछ इस तरह जीवन की

कड़कड़ाती धूप मे,मुस्कुरा कर छाँव 

की मखमली चादर उड़ा दिया।


दिल मे छुपा कर प्यार के अहसासो को

तूने दोस्ती का नाम थमा दिया।

खुश तेरे साथ रहेगे। 

तेरी खुशी मे शामिल, तेरे दुखों को रब से माँग लेगे।।


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