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Meera Raikwar

Romance

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Meera Raikwar

Romance

सावन आया पिया न आये मोरे अंगना

सावन आया पिया न आये मोरे अंगना

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राह देखत कट जाये रतिया

बाती जलत दिन रात सवरियां


नख सिर सवारुं दिन रात सवरियां

 एक रात की प्यासी रैैन सवरियां


कह गए थेे तुम आऊंगा सावन घडियां

भूल गए तुम परदेस जाकर सवरियां


कोई गवो मेरे लिए मल्हार राग कडियां

आग लगाये सावन दिन रात सवरियां


अब सावन आयेगा जब तुम आओगे

नाचूंंगी गाऊंगी लग तोरे छाती सवरियां


आलिंगन में बांध श्याम मुख चूमूंगी

कर तोसेे बतियां रतिया बिताऊंगी सवरियां


न कहूूंगी सावन आया मोरे अंगना

पिया न आयेे मोरे अंगना।


         



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