Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Pooja Sharma

Romance

4  

Pooja Sharma

Romance

तेरे इश्क मे

तेरे इश्क मे

1 min
325


  चांद को देखकर मै शरमाने लगी

क्योंकि उसमें तेरे अक्स को निहारने लगी

सारी रात यूं ही गुजर दूंगी, तेरे इश्क में

सारे जहां से बधंन छुड़ाने लगी

धीरे-धीरे रात गहरी होने लगेगी

और तेरे इश्क का रंग भी गहरा होता जायेगा

तेरी बाहों की आगोश में , सारे जहां को भुलाने लगी

चाहे कुछ भी हो अंजाम इस इश्क का

पर मै तो राधा की तरह बाबरी बन जाने लगी

न किसी की फ्रिक, न किसी का डर

इश्क जब से हुआ है तब से निडर में हो जाने लगी

अब तो लगता है कि तू पास ही रहे

क्योंकि तन्हाई मुझे सर्प की तरह डस जाने लगी

जैसे-जैसे रात सुबह में बदलने लगी

तेरे इश्क का रंग भी और मुझ पर चढ़ता गया

सूरज की पहली किरण के साथ

मै भी और लाल हो जाने लगी

सोचा न था यह हाल होगा इश्क में

कि मै भी मीरा कहलाने लगी

तेरे इश्क में , मै और भी दीवानी बन जाने लगी॥



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance