मनभावन
मनभावन
आओ मनभावन बसंत बहार
में मिलते है
कुछ प्यारी प्यारी बातें करते है
तुम मुझे फूलों से रिझाना
मेरे बालों में फूल लगाना
बैठेगे किसी पेड़ के नीचे
रख लेना तुम अपना सर मेरी गोद में
दो पल बितायेंगे प्यार के
यादें साथ ले जायेगे इन बहारो की
तुम भी मेरे घर बहार बनकर आना
साथ में अपने ख़ुशियाँ लाना
फिर से आयेगे बसंत बहार में
फिर मिलेगे इन्ही पेड़ो की छाँव में।

