. उत्सव
. उत्सव
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निकलो अपने घर से
बसंत बहार ने बुलाया है,
चिड़ियो के हाथ तुम्हारे प्रेमियो ने
सदेशं भिजवाया है,
खेलो प्रकृति की गोद में
हवाओं से बातें करो,
फूलों की महक से जीवन को महकाओ
अपने बालमा को रिझाओ,
करो प्रकृति से श्रृंगार
छा जाओ अपने हमसफर के दिल में,
करो बसंत बहार का स्वागत
नाचो झूमो गाओ और उत्सव मनाओ
निकलो अपने घर से
बसंत बहार ने बुलाया है।
