तेरी यादों की सिगड़ी
तेरी यादों की सिगड़ी
अभी कुल्हड़ में चाय बना के रखी है,
दिल के बटुए में फोटो लगा के रखी है,
तुझे फिर आना ही है मेरा होना ही है,
तब से बस यही रट लगा के रखी है।
तेरे इश्क़ का कम्बल ओढा हुआ है,
तेरी यादों की सिगड़ी जला के रखी है।