एक माला
एक माला
एक माला
नाम तेरा
एक माला
संग तेरा
एक माला
गीत तेरा
एक माला
ग्रन्थ तेरा
एक माला में
सिंधु का विस्तार खोया
एक माला में
अभय का द्वार खोया
एक माला में
वो कल्पातीत सोया
एक माला में
समय का सार सोया
एक माला में
पिरोदी श्वांस सारी
एक माला में
संजोदी आस सारी
एक माला में
चमकता दीप तेरा
एक माला में
दिखता स्वरूप तेरा
एक माला में
छिपा है राज तेरा
एक माला में
बजता साज़ तेरा
एक माला में ही
घरौंदे छूटते है
एक माला में ही
खिलौने टूटते हैं
एक माला में ही
फोड़े फूटते हैं
एक माला में ही
बंधन टूटते हैं
एक माला में ही
बादल रो पड़ेंगे
एक माला में ही
पल्लव हंस पड़ेंगे
एक माला में ही
नंदन वन लगेंगे
एक माला में ही
शुभ्र पंकज खिलेंगे
एक माला में ही
पर्दा हटेगा
एक माला में ही
कोहरा छटेगा
एक माला में ही
दिवार गिर सकेगी
एक माला में ही
पिपासा मिट सकेगी
एक माला
नाम तेरा
एक माला
संग तेरा
