वहां हर कोई
वहां हर कोई
तू भी था मैं भी था और वो भी तो था,
वहाँ हर कोई हमारे जैसा ही तो था।
वहाँ न तुलसी, न चंदन, ना ही राम थे,
आज का ये संगम अधूरा ही तो था।
अगर तुम न मिलते तो खो गए होते
मेरा पता सिर्फ़ तुम्हारे पास ही तो था
वक्त ने वो चमक छीन ली चेहरे से,
वरना ये सारा शहर दीवाना ही तो था।
