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Bharat Jain

Abstract

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Bharat Jain

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पिक्चर अपनी कब तक चलेगी

पिक्चर अपनी कब तक चलेगी

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हाड़ मांस की गाड़ी आखिर कब तक चलेगी,

एक थिएटर पिक्चर अपनी कब तक चलेगी,


घिस जानी है गाड़ी अपनी होगा इंजन फेल,

बना बना कर अंत मैकेनिक हो जाएगा फेल,


जिस पिक्चर में देखे सबने हंसी खुशी के मेले

बड़े जतन से सुलझाए थे दुनिया के झमेले,


आज सिमट कर यादों में लटकी है दीवार पे,

झूल रही है अपनी दुनिया दो धारी तलवार पे,



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