तेरी यादों की ओर
तेरी यादों की ओर
आज यूँ हीं बैठे,
अकेले तनहाई में
फुर्सत के चार पल निकाले,
सोचा तेरी गलियों में टहले हम
मुद्दते जमाना हो गया,
आज फिर चौराहे पे खड़े हो,
तेरे घर को ताके हम।
चाय की चुस्कियां ले
थोड़ा समोसा खा ले हम
तुझे एक नजर भर देखने को,
कई घंटे बिता ले हम,
तू चुपके से अपने झरोखें से झांके हमें,
और तेरी मधुर मुस्कान को देख,
अपने दिल को टटोले हम,
आज फिर वही फुर्सत के पल दुढ़,
तेरी यादों को जवां कर, तुझसे ही पूछे हम,
चलो लेे फिर हाथों में हाथ घूम आए हम,
बैठ किसी छाव में, एक दूसरे को देखे हम,
थोड़ा मुस्कराए, थोड़ा घबराएं,
थोड़ा सहमे - सहमे नजर आए हम।
आओ फिर एक हो जाएं हम
आओ फिर एक हो जाएं हम।

