तेरी उम्मीद
तेरी उम्मीद
एक उम्मीद लगा रखी है तेरे दीदार की
रात में जुगनु की रोशनी भी है काम की
तू ना सही तेरे अक्स भी यदि दिख जाए
दिल को यक़ीन हो मोहब्ब्त है काम की
सांसों के तार से तू जुड़ा है मेरे यार
साँस में समाई हुई खुश्बू है तेरे नाम की
मेरी इस अंधेरी जिंदगी का चराग़ तू है,
मेरी रूह के दिये में बाती है तेरे नाम की
हमारे अधरों पर छाई है तू संध्या की तरह
तू है हमारे लबों की लाली ढलती हुई शाम की
रब से ये कहना है,हमे उनके बिना नही रहना है
वो हैं धड़कनें इस विजय दिल ए नादान की।