तेरी तस्वीर चूम लेते हैं
तेरी तस्वीर चूम लेते हैं
वो उमड़ती नदी लुटाने को
दूरियाँ प्यार की मिटाने को
तेरी तस्वीर चूम लेते हैं
तुझको खुद के करीब लाने को।
जाने क्यों लाज रोक देती है
जब भी बढ़ते हैं टोक देती है
दुश्मनी हाथ भी निभाते है
जब भी सोचा गले लगाने को।
शोर धड़कन मचाने लगती है
जिंदगी गुनगुनाने लगती है
सर्द मौसम दहकने लगता है
ख्वाब दीदार का सजाने को।
कशमकश है बड़ी कहें कैसे
साथ सबके ही क्या हुआ ऐसे
जिनसे ख्वाबों में रोज मिलना हो
वो ही आ जाते हैं जगाने को।
फर्ज़ अपना हवा निभा देना
पर्दा जुल्फों का तुम बना देना
जिंदगी नाम उनके कर दी है
आज जाएँगे जब बताने को।