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Ayushi Akanksha

Romance

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Ayushi Akanksha

Romance

जमीं और आसमान

जमीं और आसमान

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मैं अंधी तो तू तूफान है,

सच कहूं तो हम दोनो ठीक वैसे ही जैसे, 

जमीं और आसमान है।।


रौशनी चली गई जो घर में तेरे

तो अंधेरा मेरे यहां भी छाया है 

नम जो है आंख तेरे

तो मेरे आंखों में भी आसूं ने झर लगाया है, 

तुमने तो मुस्कान रही है होठों पर अपने,मेरे लिए

मगर मेरे होठों पर हंसी तेरा ही एहसान है,

हम दोनो ठीक वैसे ही हैं जैसे जमीं और आसमान है।


ख़ाली पड़ा है गर कमरा तेरा

तो मेरा कमरा भी पड़ा विरान है,

तस्वीर जो मेरी बसी है आंखों में तेरी,

तो मेरे होठों पे भी बसा तेरा नाम है।

आंख बंद कर जो करते हो सजदा मेरा

तो तू भी तो मेरी अज़ान है,

हम दोनो ठीक वैसे ही हैं

जैसे जमीं और आसमान है।


सुकून जो मैं हूं तेरी,

तो तू भी तो मेरी चाहत मेरा आराम है,

गर तेरी दुनिया मैं ही हूं

तो मेरी भी दुनिया तुम पर ही आके होती विराम है। 

मेरे साथ अपने अंत तक चाहते हो तुम 

तो तेरे साथ ही मेरी अंतिम विदाई भी तो मेरा अरमान है,

हम दोनो ठीक वैसे ही हैं

जैसे जमीं और आसमान हैं।


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