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Ayushi Akanksha

Romance Others

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Ayushi Akanksha

Romance Others

इंतज़ार ।

इंतज़ार ।

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अंधेरे में सवेरा आने का इंतज़ार नहीं था, 

जहाँ तुम मिले, बस वहीं सुकून, करार वहीं था ।

आज भी गुज़रती हूँ जब उन गलियों से , 

यादें दौड़ आती है मुझसे मिलने।  

उस पल के जैसे आज भी गुज़रे उन पलों से प्यार है ,

बेशक अब पास नहीं तुम मेरे

पर जो साथ है......... वो तुम्हारा इंतज़ार है ।


होली का कभी इंतज़ार नहीं था,

प्यार से बोले जो भी शब्द तुमने 

वही रंग, गुलाल वही था ।

भरोसा तो खुद से भी ज्यादा था तुम पर ,

पर तुम्हें कोसों दूर जाना क्यों है ॽ सवाल यही था। 

मेरे गुस्से से पूछे सवालों पर,

तुम्हारे प्यार से मिले उन जवाबों से आज भी इश्क़ बेशुमार है, 

अब किसी जवाब की राह नहीं देखती मैं,

इक बस तुम्हारा इंतज़ार है।


तुम्हें ढूंढती है मेरी निगाहें, इसमें मेरी ख़ता नहीं,

हवाओं से भी पूछा पता तुम्हारा, पर उन्हें भी पता नहीं ।

हर पल में सता रही है तुम्हारी कमी , 

हाॅं, मुझमें मिला हुआ है ये कह रही थी इक दिन ज़मीं ।

जब थे तुम पास मेरे तो साथ मेरे खड़ा पाबंदियों का दीवार था,

अब बस ख्वाहिश इतनी है कि

जिन्दगी से परे मौत की बांहों में ही सही मिल जाऊॅं तुमसे,

और तुम कहो 

कितना वक्त लगा दिया........ इक तेरा ही इंतज़ार था ।


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