तेरी महिमा अपरम्पार
तेरी महिमा अपरम्पार
साईं तेरी महिमा है अपरम्पार,
करते हो काज निराले,
तुम हो भक्तों के पालनहारे,
नहीं जाती जिनके बचन कभी भी खालि,
वो है श्री साईं नाथ भगवान हमारे।
सुनते हो अपने भक्तों के पुकार को,
पहुँच जाते हो उनकि मदत को,
कभी बनते बाघ, कभी टांगे वाला,
कभी दीखते हो एक हि पल मे दो जगह,
आप आज मौजूद हो हमारे बीच,
अपने भौतिक शरीर को त्यागने के बाद भी,
नहीं छिपता है कोई भी बात जिनसे,
वो हैं अंतरयामि भगवान साईं नाथ अखिलेश्वर।
