"तेरी मेरी अधूरी दास्तां"
"तेरी मेरी अधूरी दास्तां"
हवाएँ कहनें लगीं हैं
तेरी मेरी अधूरी दास्ताँ...!
तूँ संग ले जा मुझे,
है तुझे रब दा वास्ताँ..!!
बिन तेरे ऐ जहाँ
अब कुछ नहीं...!
तूँ रहे जहां,
हैं सब वहीं..!!
तेरे इंतज़ार की राह
में हरदम रहना है...!
तेरे हर एक गम को
अब हमेशा सहना है..!!
बार बार इस दिल
का यही कहना है...!
सारी जिन्दगी तुम्हारे
बिना ही रहना है..!!
कुछ ख्वाबों की
एक अरदास है...!
हर रात को तेरे
आने की आस है..!!
मौहब्बत की मंजिल को
तेरी राहों की प्यास है...!
इश्क़ में डूबा हर बंदा
मेहबूब का दास है..!!
तेरे साथ बीता एक
एक पल खास है...!
तुम से पूछकर आती
जाती मेरी हर सांस है..!!