तेरे प्यार में पागल हूँ !
तेरे प्यार में पागल हूँ !
तेरे हर दर्द को मैं अब ,
अपना दर्द समझता हूँ ;
तेरी हर ख़ता को मैं अब ,
अपनी ही ख़ता समझता हूँ ;
तेरे प्यार में मैं पागल हूँ अब ,
इसलिए तो मज़बूरियों को समझता हूँ ;
खुश रखूं तुझे सदा मैं अब ,
यही अब दिल से चाहता हूँ ;
तेरी हर एक आह को मैं अब ,
बस एक सिर्फ दुआ मानता हूँ !

