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Akanksha Gupta (Vedantika)

Romance

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Akanksha Gupta (Vedantika)

Romance

तेरे लिए और मेरे लिए।

तेरे लिए और मेरे लिए।

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लफ्जों में जो कभी बंध ना सका,

उस प्यार का इजहार जरूरी है,

तेरे लिए और मेरे लिए।


अधूरी रह गई थी जो दास्तां,

उसका अंजाम जरूरी है,

तेरे लिए और मेरे लिए।


बीच रास्ते में छूटी थी जो मंजिले,

सफर तय होना जरूरी है,

तेरे लिए और मेरे लिए।


लफ्जों में जो कभी बंध ना सका,

उस प्यार का इजहार जरूरी है,

तेरे लिए और मेरे लिए।


आँसुओ में भीगते हुए चेहरे पर,

अब एक मुस्कान जरूरी है,

तेरे लिए और मेरे लिए।


बढ़े हुए फासलों के बाद,

पास आना जरूरी है,

तेरे लिए और मेरे लिए।


लफ्जों में जो कभी बंध ना सका,

उस प्यार का इजहार जरूरी है,

तेरे लिए और मेरे लिए।



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