STORYMIRROR

shiv pandey

Abstract Inspirational

3  

shiv pandey

Abstract Inspirational

तेरा जाना

तेरा जाना

1 min
182


 जो बात न कहनी थी वो तुम कहती रह गयी

अपनी गलती का इल्जाम मुझ पे लगाती रह गयी

आखिरकार हुआ कुछ ऐसा मेरी जिंदगी में

तुम गए छोड़ हमारे बीच बस दूरियाँ बढ़ती रह गयी। 

कुछ न रह सका जहाँ सुकूँ के पल तो वहाँ विरानियां रह गयीं।

हाँ तुम चले गए इक रोज़ इस कदर कि बस कहानियाँ रह गयीं।। 

तुमने किया था वादा मेरा दिल नहीं तोड़ोगे।

हजारों मुश्किलें आ जाए पर मुझे नहीं छोड़ोगे । 

मगर अब महसूस हो रहा है कि छोड़ गए हमें । 

लगाकर अपनी लत अन्दर से तोड़ गए हमें ।। 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract