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Akanksha Gupta (Vedantika)

Tragedy

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Akanksha Gupta (Vedantika)

Tragedy

ताश का महल

ताश का महल

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टूट जाती हैं उम्मीद अक्सर मेरी

किसी से उम्मीद करने के बाद

यादों में घिर जाती हूँ मैं तेरी

तेरी यादों को भूलने के बाद


मिट जाती हैं ज़िन्दगी की ख़्वाईशे

जब कोई अपना धोखा दे जाता हैं

करते है फिर जुड़ने की आज़माइशें

किसी की बातों से दिल टूट जाता हैं


हो जाती है हर कोशिश नाकाम

दिल हैं एक ताश का महल ऐसा

टूटकर बिखरना जिसका अंजाम

प्यार का अज़ीब दस्तूर ये कैसा


जोड़ कर इस महल को रखना

आखिर इतना भी आसान नहीं हैं

ताश के पत्तों का यूँ ही टिकना

कोई छोटा काम नहीं है!


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