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Dinesh Sen

Romance

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Dinesh Sen

Romance

तार दिल के

तार दिल के

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जीवन के अविरल प्रवाह में

यार कई बन जाते हैं

जैसे सरिता संग बहने को

धार कई मिल जाते हैं

संबंध चाहे फिर जो भी हो

मुख कमल भाँति खिल जाते हैं

बजने लगते हिय में बाजे

जब दिल के तार जुड जाते हैं।


जैसे खग जाने खग भाषा

जाने वो भावों की तरंग

पल पल खिलती अंतर्मन में

मिलने को कमलों सी उमंग

हैं भाव भरे अंतर्मन में

सागर में गोते खाते हैं

बजने लगते हिय में बाजे

जब दिल के तार जुड जाते हैं।


जब मिले नयन नयनों से तो

इक प्यार का दीपक जलता है

निज साथ रहे जो सुख दुख में

रिश्तों में ऐसा यार कहां मिलता है

इक प्रीति बने तब बेजानी

जब भावों से भाव मिल जाते हैं

बजने लगते हिय में बाजे

जब दिल के तार जुड जाते हैं।


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