स्वच्छता हमारी पहचान
स्वच्छता हमारी पहचान
आसमान जिस दिन साफ दिखेगा
पानी में जब चांद दिखेगा
जिस दिन जमी ना बंजर होगी
जिस दिन खुल के सांस मैं लूंगा
कुदरत को वापस कुछ दूंगा
कूड़ा बस पेड़ों पत्तों का होगा
गाँव से सुंदर शहर दिखेगा
उस दिन हमारी नयी पहचान होगी
देश को मेरे , शहर को मेरे , गाँव को मेरे
घर को मेरे
स्वच्छता से जाना जायेगा
आज की पीढ़ी काम करेगी ,
सोच लेगी , तो कल का भारत
आजाद रहेगा ,इस अस्वच्छता बीमारी से
आज करोगे , कल पाओगे
अभी ना करोगे , पछताओगे
