एक ओर जंग
एक ओर जंग
लोग समझते है , हम समझदार नहीं
लोग कहते है, हम वफादार नहीं
लोग सुनते है, हम जिम्मेदार नहीं
लोग मानते है , हम ईमानदार नहीं
यही सुन सुन के आधी जिंदगी बीत गई
पर फिर भी हम लाचार नहीं
काम नहीं है फिर भी बेरोजगार नहीं
छोटी सी चाह है दिल में
दो वक्त की रोटी हो
सिर पे एक छत हो
बच्चे पढ़ लिख जाए
एक नया आसमान पाए
फिर लोग हमें दया की नजरों से देखते है
काम मांगने जाए तो दस रुपए थमाते है
कहते है यही करते रहो
यही कर सकते हो
और कुछ नहीं कर पाओगे
क्या कर लोगे जब पढ़ जाओगे
जादा नहीं, तो न सही
पर जरूरत तो पूरी हो हमारी
