है अपना ये सितम कैसा, के हम हर रोज़ जाते है वो अपने आशियाने से क्या आगे बढ़ नहीं सकती? है अपना ये सितम कैसा, के हम हर रोज़ जाते है वो अपने आशियाने से क्या ...
मौन से पढ़ लेंगे कि कोई दिल से हमको चाहता है मौन से पढ़ लेंगे कि कोई दिल से हमको चाहता है
तेरे नाम को लगातार मिटाने की ज़िद्द में थी तेरे नाम को लगातार मिटाने की ज़िद्द में थी
पढ़ना लिखना मुझे लुभाता, लगता है स्कूल बुलाता ।। पढ़ना लिखना मुझे लुभाता, लगता है स्कूल बुलाता ।।
मैं शब्द शब्द पढ़ लेता था पर जज्बातों को न छूता था मैं शब्द शब्द पढ़ लेता था पर जज्बातों को न छूता था
मेरी माँ मुझे अच्छी तरह हमेशा से ही है जानती II मेरी माँ मुझे अच्छी तरह हमेशा से ही है जानती II