सूझबूझिया लगइबा
सूझबूझिया लगइबा
सूझबूझिया लगइबा ना त कईसे होइहे किसनिया
धनवा कटाई खेतवा जोताई करा गेहुआ बोवनिया
गोबरा के खदीया खेतवा मे डलिहा मटिया मिलाई
खर पतवरवा चुनी निकलिहा हरवा बयलवा चलाई।
आइब हमहु खेतवा बनाई लिट्टी चोखा औरी चटनिया
किट पतंगवा से गेंहुआ बचावेके सङ्गे दवइया डालेके
सूझबूझिया लगाई जानवर चउआ से खेतवा बचावेके
लह लहलहाई हरियर गेंहुआ बलिया बही पवनिया।
समईया देखि सिंचल जाई खेतवा पनिया निरमल हो
खेतवा परति ना छोड़िहा बोई दीहा धनिया हरियर हो
पकी जइहे गेहुआ काटी भरी दीहा सइया खरिहनिया
बाल बच्चा खइहे घरे गाँव नगरिया सबके खियाइब।
भुखल ना रही केहु देशवा भूखिया अबके मिटाइब
सूझबूझिया मार भगाइब दुश्मन पापी पाकिस्तनिया
सूझबूझिया लगइबा ना त कैसे होइहे किसनिया।
