सुपथ गामी बनो
सुपथ गामी बनो
सुपथ गामी बनो
हे मानव,
भगवान की अद्भुत कृति हो
सत्कर्म करो, सत्कर्म करो
सुपथ गामी बनो ......
माना राहें कठिन है बहुत
पर हिम्मत से तुम डटे रहो
सुपथ गामी बनो ...........
करोना कहर से देश थरथराया
सबके तुम सहायक-अपने बनो
सुपथ गामी बनो...........
अपना स्वार्थ न बीच तुम लाओ
परहित सेवा अपना ध्येय बनाओ
सुपथ गामी बन जाओ .....
परपीड़ा को निस्वार्थ दूर करो
जीवन का यह निस्वार्थ ध्येय चुनो
सुपथ गामी बनो ........
मानवता की सेवा ,बस यही राह चुनो
तन-मन-धन चाहे न्योछावर, न डरो
सुपथ गामी बनो ......
निस्वार्थ सेवा सबसे बड़ा धर्म
निस्वार्थ कर्म सबसे बड़ा है कर्म
सुपथ गामी बने रहो जीवन सार्थक।