सुकून
सुकून
दोस्तो
आजकल जीवन
हम कामकाजी महिलाओं का
कुछ इसकदर बदल गया
कि...................
सुकून न जाने कहाँ खो गया !
कोरोना कहर के कारण
लाकडाऊन पर लाकडाउन
सब स्कूल बंद
आनलाइन क्लासिस
24 घंटे के टीचर
ऊपर से हैल्पर नहीं।
कुछ लिखने को मन बेचैन
सुकून के पल कहाँ
जिंदगी खाना,पढ़ाना
बच्चों के उत्तर देना,
सारा दिन बरतन साफ करना
अपना तो सुख चैन सब गया।
बहनों और भाइयों
सच कहूँ
पहले चलते फिरते भी
कविताएँँ लिख लेते थे
अब तो सब
घूमता ही नज़र आता है।
न सुबह अपनी
न शाम अपनी
दिन न जाने कहाँ खो गया ?
