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Paramita Sarangi

Romance

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Paramita Sarangi

Romance

सत्य से मिलकर

सत्य से मिलकर

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सत्य से मिलने के बाद

बरुनेई से झरता हुआ झरना

थोड़ा सा शरमा गया,

नंदनकानन के सूखे पेड़ पर

बैठी चिड़ियों ने

मना कर दिया उड़ने से।


कोनार्क के समुद्र किनारे

सीप को ढूँढते ढूँढते

एक मोती पा लिया, तो 

पता चला

तुम यहीं कहीं हो।


अनुभव किया है तुम्हें

कितनी बार

मगर तुम अभी होते हो

अभी नहीं

लेकिन मैं तो 

खींच ही लेती हूँ

पवन में बहते हुए तुम्हारे

वही अंश को और

तुम्हारी खुशबू चिपक जाती है

शरीर से मेरे 


रेत पर पदचिन्ह मेरे 

तुम्हारे साथ

चल रही हूँ मैं

तुम्हारी ही उँगली पकड़कर

बदमाश तुम

अपनी उँगली खींचकर

मुझसे अलग हो जाते हो

गिर जाती हूँ मैं

एक अनजाने अँधेरे कुएँ में


गिरने मत दो मुझे

सच्चे बन्धु हो सिर्फ तुम,

कसकर पकड़ लो मुझे

परिचित अपरिचित,

सही ग़लत इन भावनाओं से

निकल कर,पाँव बढ़ा रही हूँ 


वादा है

कोशिश करूँगी, सारी गंदगी को

खुद से दूर कर, हमेशा चलूँगी 

तुम्हारे साथ

सिर्फ तुम्हारे साथ


बरुनेई _ ओडिशा के इतिहास के एक प्रसिद्ध पहाड़।

नंदनकानन_ चिड़ियाखाना


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