सर्व धर्म समभाव
सर्व धर्म समभाव
हमें गर्व होता है सोचकर कि हम भारतवासी हैं ,
सत्य अहिंसा सर्व धर्म समभावों के हम न्यासी हैं।
रामायण सा ग्रंथ है जिसमें रामराज्य की बातें हैं ,
माता और पिता की आज्ञा सर्वोपरि कहलाते हैं ।
भरत के जैसा भाई जो कि राजगद्दी पर ना बैठा ,
चरण पादुका भाई की रख मस्तक राज चलाते हैं ।
वन में राजा राम के सखा बन जाते वनवासी हैं,
हमें गर्व होता है सोच कर कि हम भारतवासी हैं।
भागवत गीता इस भारत को कर्म प्रधान बताती है,
फल की सोच किए बिना बस तू कर्म कर समझाती है।
जो हो
ना है होकर ही रहता यह तो पूर्व नियोजित है ,
अपने हाथ में मात्र कम॔ है यही मर्म जतलाती है ।
सुनकर गीता ज्ञान सभी की मिटती तुरंत उदासी है ,
हमें गर्व होता है सोच कर कि हम भारतवासी हैं ।
बाइबिल और कुरान भी हमको यही संदेशा देते हैं ,
गुरु ग्रंथ साहेब अपने में सतोपदेश समेटे हैं।
हम सभी का प्रेम दया व त्याग की शिक्षा देते हैं ,
जान खजाना इन ग्रंथों से भर भर झोली लेते हैं ।
वेदों में इतना रस, पीने को हर आत्मा प्यासी है
हमें गर्व होता है सोच कर कि हम भारतवासी हैं ।