सरहद यादों की।
सरहद यादों की।
ये मुल्क़ो की नहीं सरहद यादों की है तेरी,
जो बंटे नहीं ये वो सरहद यादों की है तेरी।
आख़िरी रस्म तो चल रही हमारी यादों की,
याद तो करते हैं पर अब बातें ना प्यार की।
गुज़रे वो ख़ूबसूरत लम्हें जो बीते साथ तेरे,
यादें रूक गई लगा जो अवरोध राह में मेरे।
हदें तय नहीं होती मोहब्बत करने वालों की,
कद्र होती ना अब मोहब्बत करने वालों की।
साहब ये सरहद यादों की नहीं हैं मुल्कों की,
लक़ीर खींचने से नहीं मिटेगी यादें प्यार की।