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Kamini sajal Soni

Abstract

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Kamini sajal Soni

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सपनों का संसार

सपनों का संसार

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सृष्टा सृजनशील का

अद्भुत यह संसार ।

आंखों में ललक लिए

निर्धन फकीर बैठा है द्वार।


भौतिकता को अपलक निहार

ललके दरिद्र के मन का कोना।

चाहे थोड़ा सा प्यार दुलार

भूख प्यास से व्याकुल मनुंवा।


सृष्टा की रचना के बीच

कांच की दीवार खड़ी।

फर्क यही है शायद जग में

निर्धन और अमीर के बीच।


प्यासी पवन सी निहारे अखियां

सपनों सा संसार।

सृष्टा सृजनशील का

अद्भुत यह संसार।


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