सपने....
सपने....
सपने तो सबके होते
जीवन से जुड़े इसके नाते
ये तो सबके साथ होते
अलग अलग सब देखते
चलो अब कुछ ठान लेते
जैसे कोई पेड़ पौधे देखते
अपने साथ फूल खिलाते
फलो की उम्मीद ले के जीते
कभी आंधी तूफ़ान के भी सामना करते
फिर भी जो ठान लेता वो सबका सामना करते
फिर अपने सपनों का फल पा लेते
हम इंसान तो सबसे न्यारे होते
अपनी जरूरतें कभी भूल जाते
या मन की गहराई में दबा लेते
जो खुले आँख मन में इसे ढूंढ लेते
और इसे पाने को ठान लेते
और इसके साथ एक तारीख लिख देते
तब ये उसके लक्ष्य बन जाते
फिर उसे पाने की आग मन में जगाते
कर्म करके आगे बढ़ जाते
रास्ते आसान नहीं कठिन होते
फिर भी कभी नहीं रुकते
पागलों जैसे उसके लिए काम करते
फिर वो सब हासिल होते
एक नहीं कई सारी सपने होते
हर वक़्त उसे खुले आंख देखने होते
तभी तो ये अपने हाथ लगते
डरो नहीं चलो अपने सपने सजाते
उसको पाने पागल बन जाते
कामयाबी के नयी इतिहास लिखते।