नापाक पापा को अब उसकी ही भाषा में मे समझाना होगा
नापाक पापा को अब उसकी ही भाषा में मे समझाना होगा
नापाक पाक को अब उसकी ही, भाषा में समझाना होगा I
विश्व शांति की खातिर अब तो, पाक का नाम मिटाना होगा II
तू आतंकवाद का पोषक है, तू मानवता का है दुश्मन I
मिट्टी में तुझे मिला देंगे, जिस दिन भी अपना होगा मन II
हम शांति के ध्वज बाहक हैं, पर शस्त्रों से अनजान नहीं I
हम बड़ी विश्व की सेना हैं, पर हमको ये अभिमान नहीं II
लगता है दूध छटी का अब, फिर से याद दिलाना होगा I
विश्व शांति की खातिर अब तो, पाक का नाम मिटाना होगा II
अब पीओके तू खाली कर , क्यों काश्मीर की बात करे I
अब तुझको मौका ना देंगे, जो फिर से तू आघात करे II
हमने लाहौर में बस चलवाई, तूने फिर से घोंपा खंजर I
कारगिल में क्या था हश्र हुआ, तू भूल गया फिर वो मंजर II
लगता है झंडा अबकी फिर, लाहौर में ही फहराना होगा I
विश्व शांति की खातिर अब तो, पाक का नाम मिटाना होगा II
पृथ्वी, अग्नि, ब्रह्ममोश सभी, जब, एक साथ थर्रायेंगी I
जल, थल और नभ की सेना जब, वन्दे मातरम गायेंगी II
जब रण होगा, भीषड़ होगा, फिर तेरा मिटना निश्चित है I
पढ़ लेना अंतिम कलमा तू, फिर तेरा अंत सुनिश्चित है II
जो दम्भ तेरा ना चूर हुआ, नापाक तुझे मिटजाना होगा I
विश्व शांति की खातिर अब तो, पाक का नाम मिटाना होगा II
नापाक पाक को अब उसकी ही, भाषा में समझाना होगा I
विश्व शांति की खातिर अब तो, पाक का नाम मिटाना होगा II
