युद्ध में हाथियों का इतिहास
युद्ध में हाथियों का इतिहास
हल्दीघाटी का युद्ध हम एक रोचक कथा सुनाते हैं
सभी जानते चेतक को जिसने युद्ध में प्राण गवाएं थे
महाराणा प्रताप का हाथी रामप्रसाद कहलाया था
शायद हमसे हुई अनदेखी हाथी का वर्णन नहीं सुनाया था
आओ आज तुम्हें एक रोचक कथा सुनाते हैं
युद्ध में हाथियों का इतिहास बताते हैं
इतिहास में घोड़ों की भूमिका बहुत दिखाई है
पर युद्ध में घोड़ों के साथ हाथियों ने भी भूमिका निभाई है
विशाल शरीर देखकर युद्ध में शत्रु भी थर्राता है
पैदल सेना को तहस-नहस कर मार्ग बनाता जाता है
द्वन्द्व युद्ध भी ये हाथी अपनी कला दिखाते है
आओ आज तुम्हें एक रोचक कथा सुनाते हैं
युद्ध में हाथियों का इतिहास बताते हैं
हल्दीघाटी का युद्ध हुआ हाथी लूणा का सामना
जब मुग़ल सेना के हाथी गजमुक्ता से करवाया था
हाथी लूणा के महावत ने प्राण वहाँ गंवाई थी
हार ना मानी लूणा ने स्वामी भक्त कहलाया था
महावत के बिना ही युद्ध में वह उतर आया था
आओ आज तुम्हें एक रोचक कथा सुनाते हैं
युद्ध में हाथियों का इतिहास बताते हैं
मेवाड़ का हाथी रामप्रसाद सर्वश्रेष्ठ हाथी था
जिसके आने से युद्ध में हड़कंप बहुत मच जाता था
यह देख मुगलों को क्रोध बहुत आया था
रामप्रसाद के विरूद्ध रणमदार हाथी को युद्ध में उतारा था
बिन महावत मुगलों को उसने खदेड़ा था
आओ आज तुम्हें एक रोचक कथा सुनाते हैं
युद्ध में हाथियों का इतिहास बताते हैं
महाराणा प्रताप के हाथी से डरकर
अकबर ने एक चक्रव्यूह रच डाला था
14 महावतों को बिठाकर बंदी उसे बनाया था
झुका नहीं अकबर के सम्मुख स्वामी भक्त वह कहलाया था
आओ आज तुम्हें एक रोचक कथा सुनाते हैं
युद्ध में हाथियों का इतिहास बताते हैं
